नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। अर्थ- हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर https://shivchalisas.com